भारतीय महिला सशक्तिकरण: सामाजिक एवं आर्थिक परिप्रेक्ष्य पर अध्ययन
Keywords:
संसाधन, सामाजिक संरचना, परिदृश्य, सशक्तिकरण जागरूकताAbstract
मानव विकास के क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका को अब व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है और ब्रह्मांड के अधिकांश हिस्सों में इसे स्वीकार किया जाता है। महिला सशक्तिकरण का विश्लेषण करने की आवश्यकता इसलिए उत्पन्न होती है क्योंकि हाल ही में भारत सरकार ने इस अवधारणा को काफी महत्व दिया है। यह अध्ययन द्वितीयक स्रोतों पर आधारित है। इस कार्य का सामान्य उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक उत्थान के कारण महिला सशक्तिकरण का मूल्यांकन करना है जो अंततः देश के समग्र विकास की ओर ले जाता है। अध्ययन से पता चलता है कि आज के परिदृश्य में भारत की महिलाओं को थोड़ा कम दर्जा प्राप्त है। वे पुरुषों की तुलना में तुलनात्मक रूप से निचले स्थान पर हैं। अध्ययन के माध्यम से यह पाया गया है कि महिलाओं द्वारा समान लिंग मानदंडों की स्वीकृति अभी भी समाज में प्रचलित है। सरकार और उसकी एजेंसियां, गैर सरकारी संगठन और कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठन महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम कर रहे हैं। लेकिन इस कार्य के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण और संसाधनों तथा उनकी भूमिका और शिक्षा, रोजगार तथा सामाजिक संरचना में परिवर्तन के क्षेत्र में मिशनरी उत्साह और प्रतिबद्धता के साथ काम करने की आवश्यकता है।